Friday, June 2, 2023

शेर और चूहे की कहानी

एक बार जंगल का राजा शेर बड़ी ही शांति से एक पेड़ की छाया में आराम कर रहा था तभी एक चूहा उसके आसपास आकर उछल-कूंद करने लग गया |

वह चूहा कभी उस शेर की पूँछ पर चढ़ जाता तो कभी उसके कान के पास आकर आवाज करने लगा |

इस सब से परेशान होकर शेर नींद से उठ गया और उसने अपने पंजे से चूहे को पकड़ लिया |

चूहा रस्सी का जाल काटता हुआ ताकि शेर शिकार होने से बच सके |

शेर के पंजे में आते ही चूहा अपनी सभी शरारतें भूल गया और शेर से अपने जीवन की भीख मांगने लगा |

चूहे ने कहा कि शेर उसे माफ कर दे, अब वह दोबारा कभी भी उसको परेशान नहीं करेगा और सदैव ही उसका आभारी रहेगा |

अब शेर का भी पेट भरा हुआ था और वह एक छोटे से प्राणी का पाप अपने सर ना लेकर वह बस आराम करना चाहता था इसलिए उसने चूहे को छोड़ दिया और उसे वापस परेशान ना करने की चेतावनी भी दी |

अब कुछ दिनों के बाद ही जंगल से सटे राज्य ढोलकपुर के राजा जंगल में शेर का शिकार करने निकले |

उन्होंने अपने दीवान को उनके लिए शेर पकड़ने के लिए कहा ताकि वह उसका शिकार कर सकें जिस से चारों तरफ उनकी वीरता की बातें की जाएँ |

अब दीवान ने भी अपने राज्य का सबसे बेहतरीन शिकारी इस काम पर लगा दिया जो कि पास के ही जंगल में शेर का शिकार करने के लिए पहुँच गया |

वह इतना बेहतरीन शिकारी था कि उसने एक ही बार में शेर को तीर चलाकर बेहोश कर के उस को रस्से के जाल में फंसा लिया |

अब शेर को जाल में अच्छे से फंसाकर वह शिकारी वापस दीवान के पास जाने लगा ताकि राजा उस शेर का शिकार कर सकें और उस को उसका इनाम मिल सके |

यह सब उस चूहे ने देख लिया जिसकी शेर ने जान बख्शी थी |

उसने शिकारी के जाने के तुरंत बाद ही अपने दाँतों से उस जाल को काटना शुरू कर दिया और देखते ही देखते जाल इतना काट गया कि जिसमे से शेर आसानी से बाहर निकल जाये | 

अब शेर को बेहोशी की हालत से उठाने के लिए चूहे ने उस पास वापस से कूंदना चालू कर दिया जिस से शेर बेहोशी की हालत में से बाहर आ गया |

अपने आप को जाल में फंसा देखकर और जाल को कुतरा हुआ पाकर शेर समझ गया कि उसका शिकार किया गया था लेकिन चूहे ने जाल को कुतर कर अथवा काटकर उसको बचा लिया | 

अब शेर बिना देरी किये जाल में से निकल कर दूर भाग गया |

इधर जब शिकारी ढोलकपुर के राजा को शेर के जाल के समीप लाया तो वह दंग रह गया |

शेर अब वहाँ से भाग गया था जिसके फल स्वरुप राजा ने उस शिकारी को कारावास में डलवा दिया और वापस अपने महल चले गए | 

जब सब ठीक हो गया तो शेर वापस उस चूहे के पास आया और उसको शुक्रिया अदा किया | 

अब शेर और चूहा दोनों में काफी गहरी मित्रता हो गयी और दोनों ही समय-समय पर एक दूसरे की सहायता करते रहते |

शिक्षा- दूसरों की मदद करने का फल हमें एक न एक दिन जरूर मिलता है |

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