बोपदेव की शिक्षा
नमस्कार, मित्रों आज हम जानेंगे एक साधारण लड़के बोपदेव की सफलता की कहानी ,इस कहानी के माध्यम से हम जानेंगे कुछ नई बातें और कुछ ज्ञान |
तो चलिए जानते हैं कि कैसे हुई बोपदेव की शिक्षा -
बहुत ही समय पहले एक गाँव में बोपदेव नाम का एक विद्यार्थी रहता था |वह बहुत ही साधारण और कमजोर छात्र था |
बोपदेव हमेशा से ही अपने मित्रों और सहपाठियों के बीच हँसी का पात्र बनता था |बोपदेव जो भी पढता था वो सब उसे याद नहीं रहता था बस इसी बात से वह बहुत ही परेशान रहता था |
अब क्या होगा ?वह यही सोचता रहता और परेशान रहता |
अब क्या होगा ?वह यही सोचता रहता और परेशान रहता |
एक दिन बोपदेव के गुरु ने सभी विद्यार्थियों को कहा कि वह सब एक पाठ को याद करके आएं | यह बात सुनकर बोपदेव चिंतित हो उठा कि वह इतना सब कैसे करेगा |इस चिंता में वह पाठ याद नहीं कर सका |
अगले दिन जब बोपदेव पाठशाला गया तो सभी ने पाठ याद किया था परन्तु सिर्फ बोपदेव ने वो पाठ याद नहीं किया था |अब क्या था बोपदेव के गुरु ने उसे बहुत ही डाँटा और इसी वजह से वह निराश होकर गाँव में एक कुँए के पास जा बैठा |
वह आस-पास जा रहे लोगों को देख रहा था पर तभी उसने देखा कि जिस पत्थर पर लोग अपने पानी से भरे घड़े रख रहे हैं वहां घृषण के कारण गड्डा बन गया है और जिस रस्सी से कुँए से पानी खींचा जा रहा था उसकी घृषण के कारण भी पत्थर पर कुछ निशान बन गए थे |
इस को देखकर बोपदेव को विचार आया कि लगातार घड़ा रखने के कारण जिस प्रकार गड्डा हो गया है और रस्सी से निशान बन गए अगर मैं भी उसी प्रकार लगातार अभ्यास करूँगा तो मैं भी बुद्धिमान बन जाऊँगा ,बस इसी बात को मन में रखकर बोपदेव ने अभ्यास किया और लगातार अभ्यास करने से बोपदेव बुद्धिमान हो गया |और वही बोपदेव आगे जाकर संस्कृत के बहुत ही बड़े ज्ञानी बने और उन्होंने अनेक उपलब्धियां प्राप्त कर लीं |वे बहुत ही विद्वान् हो गए |
बस इतनी ही थी ये कहानी |
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शिक्षा - लगातार अभ्यास करने से हम कुछ भी सीख सकते है इसलिए हमें हार नहीं माननी चाहिए बल्कि लगातार अभ्यास करना चाहिए |
नमस्कार मित्रो अगर आप को कोई भी प्रश्न पूछना है तो हमें कमेंट जरुर करे|
ReplyDeleteNice website keep publishing more.
ReplyDeleteI heard that when mughals burnt lots of books/ vedas including Bhagwatam then Bopadev maharaj remember all 18000 shloks of Bhagwat and made it possible to become a written granth again.
ReplyDeleteबोपदेव की कहानी मैंने हिंदी और संस्कृति दोनों में ही कई बार पढ़ी है । यह बहुत ही प्रेरणादायक कथा है । एक सार में यह भी कहा जा सकता है कि मेहनत और लग्न से कुछ भी हासिल किया जा सकता है ।
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