Wednesday, December 29, 2021

खरगोश और कछुए की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में कई सारे जानवर आपस में मिलकर रहते थे, बसंत का मौसम चल रहा था तो सभी जानवर एक दूसरे के साथ खेलते और मस्ती करते थे |

उन्हीं जानवरों में से एक था खरगोश जो बड़ा ही फुर्तीला था और बहुत तेज दौड़ता था लेकिन उसे अपनी इस काबिलियत पर बड़ा ही घमंड था | 

खरगोश और कछुए की दौड़

खरगोश कम तेज दौड़ने वाले जानवरों का मजाक भी उड़ाता था और बाकी जानवरों को अपने साथ दौड़ने के लिए चुनौती भी देता था |


एक बार खरगोश तालाब किनारे बैठे अपने मित्र कछुए का उसकी कम रफ्तार होने के कारण मजाक उड़ा रहा था और उसे अपने साथ रेस (दौड़) लगाने की चुनौती भी दे रहा था जिसपर कछुए को बहुत ही बुरा लगा और उसने खरगोश को सबक सिखाने की ठानी |


कछुए ने खरगोश की रेस लगाने की चुनौती स्वीकार करी और उसे हराने का निर्णय लिया | दोनों की सहमति से पहाड़ी के नीचे से ऊपर चोटी तक की दौड़ लगाने की तय हुई |


दोनों खरगोश और कछुआ तय समय से पहाड़ी पर पहुँच गए साथ ही सभी साथी जानवर जैसे-हाथी,चूहा,मयूर,हिरन,बन्दर,भालू,घोडा,सियार,आदि दौड़ देखने के लिए पहाड़ी पर एकत्रित हुए | 

बन्दर ने झंडी दिखाई और रेस शुरू हुई, रेस शुरू होते ही खरगोश तेज रफ्तार से आगे बढ़ा और चंद मिनटों में बहुत आगे पहुँच गया लेकिन कछुआ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था |


थोड़ा आगे पहुँचने पर खरगोश ने पीछे मुड़कर देखा लेकिन कछुआ दूर-दूर तक नजर नहीं आया, खरगोश ने सोचा वैसे भी वो तो धीरे-धीरे चलता है तो क्यों ना उसके यहाँ तक पहुंचने तक थोड़ा आराम ही कर लिया जाए | 

यही सोचकर खरगोश वहीँ किनारे एक पेड़ के नीचे आराम करने के बहाने सोने के लिए बैठ गया |

कुछ समय बीतने के बाद कछुआ उसी जगह पहुँच गया जहाँ पर खरगोश बैठा हुआ था लेकिन उसने बिना आराम करने की सोचे अपनी रेस जारी रखी और मेहनत करते हुए आगे बढ़ता गया और finish line यानी चोटी तक पहुँच गया और जब तक खरगोश की नींद खुली तब तक कछुए ने रेस पूरी कर ली और खरगोश से पहले चोटी तक पहुँच गया | 


खरगोश वहीँ खड़े-खड़े पछताता रहा और उसे अब समझ आ चुका था कि सभी की अपनी-अपनी काबिलियत होती है और किसी का भी मजाक नहीं उड़ाना चाहिए | 

शिक्षा- बिना भटके अपने लक्ष्य तक स्थिर(consistent) रहने से  उसे प्राप्त किया जा सकता है | 
 

2 comments:

  1. Slow but steady wins the race.

    Ye hume UPSC ki coaching me bataya jaata hai taaki consistency se taiyaari kar ke IAS crack kar sake.

    Kachua aur khargosh ki kahaani har serious UPSC aspirant ko padhni chahiye.

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    1. पचौरी IAS जी आपने बिलकुल सही कहा है और कुछ दिनों पहले एक IPS ने ऐसी ही असली रेस के बारे में Twitter पर शेयर किया था ।

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