उन्हीं में से एक कौवा था जिसको बहुत प्यास लगी थी लेकिन उसे अपने आस-पास कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था तो वह पानी की तलाश में आसमान में उड़ने लगा और पानी की तलाश करने लग गया |
बहुत दूर जाने पर उसे एक सुराही दिखा जिसमें पानी था(आप इस फोटो में देख सकते हैं सुराही कैसी दिखती है) लेकिन वह उस पानी को पी नहीं सकता था क्यूंकि पानी सुराही में नीचे की तरफ था और सुराही का मुँह ऊपर से काफी छोटा था जिससे वह दुखी हुआ और उसकी प्यास और बढ़ गयी |
तभी उस प्यासे कौवे को उस सुराही के आस-पास छोटे-छोटे कंकड पड़े मिले जिसे देखकर उसे एक योजना सूझी |
उसने सोचा क्यों ना मैं इन कंकड़ों को इस सुराही में डाल दूँ जिससे इस सुराही में नीचे कंकड इखट्टे हो जायेंगे और पानी ऊपर आ जायेगा |
उसने वैसा ही किया और खूब मेहनत कर के धीरे-धीरे कंकड उस सुराही में डालने लग गया |
उसकी मेहनत रंग लाई और पानी सुराही के ऊपर के हिस्से में आ गया और कौवे ने पानी पी लिया जिस से उसकी प्यास भी बुझ गई और वह बहुत खुश हुआ व खुशी-खुशी अपने घर वापस लौट गया |
शिक्षा-जहाँ चाह है वहाँ राह है | अगर हम कुछ भी सच्चे मन से चाहें तो उसे पा सकते हैं |
यह कहानी मैंने बचपन में पढ़ी थी अब अपने भतीजे को सिखा रहीं हुँ । बाकी website पर घड़े की कहानी बताई जा रही है पर असली कहानी तो सुराही वाली है, घड़े में तो कौवा खुद घुस सकता था मगर सुराही में नहीं इसलिए ही तो उसने कंकड़ डाले ।
ReplyDeleteThanks for real story.
Thank god I got Real story of 'pyasa kauwa' in hindi.
ReplyDeleteThe main thing is surahi,got redirected after seeing your images.
It is in my daughter's project of winter vacation.
Keep writing.