एक बार की बात है एक गांव में एक खँडहर मकान था जिस में एक चूहा आराम से एक बिल में रहता था |
चूहा रोज आसपास के घरों में से जाकर थोड़ा-थोड़ा कर के अपना पेट भरता फिर शाम को वापस अपने बिल में लौट आता |
चूंकि उसका जीवन आसानी से कट रहा था सो उसे जितना मिलता वह उतने में ही खुश रहता |
एक दिन इसी मकान को एक किसान ने अच्छे दामों में खरीद लिया और अपना बैल इसी मकान में बाँधने लगा |
वैसे तो चूहे को बैल से कुछ लेना-देना नहीं था लेकिन जब से बैल मकान में आया था तब से चूहे की रातों की नींद हराम हो गयी थी |
दरअसल बैल रोज खेत में हल चलाता था जिस के कारण वह काफी थक जाता था तो खर्राटे लेता था |
एक दिन चूहे ने असहजता दिखाते हुए बैल से अपने मन की बात कही जिसे सुनकर बैल जोर-जोर से हँसने लगा और चूहे से बोला कि वह तो ऐसे ही खर्राटे लेगा अगर चूहे को कोई दिक्कत हो तो वह दूसरा बिल ढूंढ ले |
यह सुन चूहे को बहुत बुरा लगा लेकिन वह कर भी क्या सकता था |
एक दिन बैल ने देखा कि चूहे को उसकी खर्राटों की आदत पड़ गयी है इसलिए उस ने चूहे को परेशान करने के लिए और जोर-जोर से खर्राटे लेना शुरू कर दिया जिस के कारण चूहे की नींद खुल गयी |
जब चूहे ने देखा कि बैल जानभूझकर इतनी जोर-जोर से खर्राटे ले रहा है तो उसे बहुत ही गुस्सा आया और उसने बिल से बाहर जाकर उस बैल को नाक पर काट लिया |
नाक पर चूहे के द्वारा काटे जाने के कारण बैल को बहुत ही पीड़ा हुई जिस से उसे काफी गुस्सा आ गया और उसने चूहे को सबक सिखाने की ठानी |
बैल ने आव देखा ना ताव चूहे के बिल पर हमला कर दिया |
चूहे ने बैल को आगाह किया कि इस सब से उसके बिल का कुछ नहीं होगा बल्कि बैल के ही लग जायेगी पर वह नहीं माना और जोर-जोर से बिल की दीवार पर वार करने लगा |
ऐसे ही वार करते-करते बैल के एक सींग में चोट आ गयी और वह समझ गया कि इस गुस्से से उसी को हानि हो रही है |
अब बैल शांत होकर एक जगह बैठ गया और फिर कभी भी तेज-तेज खर्राटे नहीं लिए और चूहे के संग मित्रता भी कर ली |
शिक्षा- हर जगह ताकत से काम नहीं चलता |
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