कालू धोबी के पास उसका एक गधा भी था जिस से वह खूब काम करवाता था और खाने के लिए चारा भी नहीं देता था |
कालू धोबी रोज रात को उस गधे को बाहर चरने के लिए खुला छोड़ देता था लेकिन आसपास घास ना मिलने के कारण वह गधा बिना कुछ खाए सिर्फ पानी पी कर अपना गुजारा करता था |
कई दिनों से खाना ना मिलने के कारण गधा अब बहुत कमजोर भी हो गया था लेकिन धोबी उस पर बिलकुल भी दया नहीं दिखाता था |
एक रात को वह गधा चारे की खोज में इधर-उधर घूम रहा था कि उसकी मुलाक़ात एक गीदड़ से हुई |
गीदड़ से गधे की इतनी बुरी हालत देखी नहीं गयी तो उसने गधे से उसकी इस दुर्बलता का कारण पूछा जिस पर गधे ने उसे सारी बात बतलायी कि कैसे उस का मालिक उस से जी भर के काम करवाता है और चारा भी नहीं देता है |
गीदड़ ने गधे को बताया कि पास में ही एक सब्जियों का बाग है जिस में सेंध लगाकर वह रोज तरह-तरह की सब्जियां खाता है और सेहत बनाता है |
गीदड़ की बात सुनकर गधे के मुँह से लार टपकने लगी और वह गीदड़ से वहां जाने की गुजारिश करने लगा |
गधे पर दया कर के गीदड़ उसे भी बाग में ले गया जहाँ दोनों ने मिलकर खूब सब्जियां खाई और फिर गधा वापस अपने मालिक के घर आ गया व गीदड़ जंगल में चला गया |
अब दोनों गधे और गीदड़ रोज इसी तरह बाग़ में घुसकर सब्जी खाने जाते और खूब मजे से खाते |
धीरे-धीरे गधे का शरीर भरने लगा और अब वह दुबला-पतला ना रहकर खूब फलफूल गया |
एक दिन उस बाग में सब्जी खाते हुए अचानक गधा मस्ती में झूमने लग गया |
जब गीदड़ ने गधे से उसकी ख़ुशी का राज पूछा तो गधे ने बताया कि पहले वो भुखमरी की जिंदगी जी रहा था लेकिन गीदड़ की वजह से अब उसके ख़ुशी के दिन आ गए हैं इसलिए उसका मन नाचने-गाने का कर रहा है |
यह कहते हुए गीदड़ ने कहा कि उसे इतनी ख़ुशी हो रही है कि अब वह ढेंचू-ढेंचू गायेगा |
यह सुन गीदड़ ने गधे से ऐसा करने से मना करा और चेताया कि ऐसा करने से कहीं बाग का चौकीदार जाग न जाए |
यह सुन गधे ने गीदड़ से कहा कि शायद उसे संगीत की समझ नहीं है, अरे संगीत सुनकर अच्छे-अच्छे लोग गायक को फूलों की माला पहनाने आते हैं और वैसे भी मौका मिलते ही गायक को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन जरूर करना चाहिए |
यह सुनकर गीदड़ समझ गया कि गधा मूर्ख है और अगर वह भी उसके साथ रुका तो फंस जाएगा इसलिए उसने गधे से छुटकारा पाने की युक्ति निकाली |
उसने गधे से माफ़ी मांगते हुए कहा कि उसे उसकी गलती का अहसास हो गया है और अब वह भी उसके लिए माला लाना चाहता है |
गर्व से सिर ऊँचा करते हुए गधे ने गीदड़ को माला लाने की आज्ञा दे दी जिसके बाद गीदड़ तुरंत ही वहां से नौ-दो-ग्यारह हो गया |
गीदड़ के जाते ही गधे ने जोर-जोर से ढेंचू-ढेंचू गाना शुरू कर दिया जिस के कारण बाग के चौकीदार की नींद खुल गयी और उसने गधे को पकड़कर उसकी पिटाई कर दी |
चौकीदार ने बाग के मालिक को भी बुला लिया और बताया कि यही वह जानवर है जो कई दिनों से बाग की फसल खराब कर जाता था |
यह सुनकर बाग के मालिक ने भी गुस्से में आकर गधे को डंडों से पीट दिया और उसको अधमरा कर दिया |
शिक्षा- अपने शुभचिंतकों की सलाह हमें अवश्य माननी चाहिए |
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