Saturday, April 9, 2022

भेड़िया आया! भेड़िया आया!:झूठे गडरिये की कहानी

एक बार की बात है टुणकपुर नाम के एक छोटे से गांव में मनोज नाम का एक गडरिया रहा करता था | उसके पास पूरे गांव में सबसे ज्यादा भेड़ें थीं जिन्हें वह रोज गांव के पास की पहाड़ी पर चराने के लिए ले जाया करता था |


भेड़िया आया! भेड़िया आया!- Sheapherd story in hindi (bible)

वह रोज सुबह भेड़ों को पहाड़ी पर ले जाता और पूरे दिन उन्हें चराने के बाद सीधा शाम को ही घर वापस आता |

अब भेड़ जब तक घास चरतीं तब तक वह पहाड़ी के दूसरी तरफ जंगल में इधर-उधर मंडराता रहता और मस्ती करने के नए-नए तरीके ढूंढने में लगा रहता |

कभी वह पेड़ों पर लटककर जंगल के छोटे-छोटे जानवरों को डराता तो कभी-कभी जंगल के रास्ते से निकले रहे राहगीरों को |

लेकिन काफी समय से वह इन छोटी-मोटी हरकतों को कर के ऊब गया था और उसे अब कुछ अलग करना था |

एक दिन उसने सोचा क्यों ना अपने गांववालों को परखा जाए कि मुसीबत में वो उसका साथ देंगे या नहीं |

उसने एक युक्ति बनाई और वो पहाड़ी पर से जोर-जोर से चिल्लाने लगा- "बचाओ! बचाओ! भेड़िया आया! भेड़िया आया!"

उसकी आवाज सुनकर पहाड़ी के नीचे के खेतों में काम कर रहे किसान तुरंत उसे बचाने के लिए पहाड़ी पर पहुँच गए मगर पहाड़ी पर बिलकुल शांति थी और सभी भेड़ें भी इधर-उधर भागने के बजाय मजे से घास चर रही थीं |

यह सब देख किसान समझ गए कि जरूर मनोज ने उन सब के साथ मजाक किया है | 

इसका कारण पूछने पर मनोज ने कहा कि वो तो उन्हें परखना चाह रहा था इसलिए यह नाटक किया और अब वो संतुष्ट है कि उसके गांववाले मुसीबत में उसकी मदद जरूर करेंगे |

गांववाले उसकी मीठी-मीठी बातों में आ गए और वह सब वहां से वापस लौट गए | यह सब देखकर मनोज खूब हँसा और सोचने लगा कि कितने बेवकूफ है ये सब |

शाम लगभग हो हो ही चुकी थी तो मनोज भी भेड़ों को साथ लेकर पहाड़ी के नीचे आ गया |

अगले दिन मनोज फिर भेड़ों को चराने ले गया और उसे फिर से कल वाला मजाक करने की सूझी सो उसने दोबारा चिल्लाना शुरू किया- "बचाओ! बचाओ! भेड़िया आया! भेड़िया आया!"

कल की तरह ही किसान ऊपर उसे बचाने पहुंचे परन्तु वहां कोई भेड़िया नहीं था और मनोज भी आराम कर रहा था | 

यह सब देखकर किसान आग-बबूला हो गए जिसपर मनोज ने कहा कि आज वाकई में भेड़िया आया था मगर उसने उसे भगा दिया | 

परन्तु आज किसान उसकी बातों में ना आकर समझ गए कि मनोज ने उनके साथ मजाक किया गया है और वो उसे हिदायत देकर वापस अपने खेतों पर काम करने चले गए लेकिन मनोज ठहाके मार-मार कर हँसता रहा |

शाम होते ही अब वह अपनी भेड़ों को घर ले जाने के लिए इक्खट्टा कर रहा था मगर उसने देखा कि जंगल से एक खूंखार भेड़िया पहाड़ी की तरफ आ रहा है | 

यह सब देखकर विचलित हो उठा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा-"बचाओ! बचाओ! भेड़िया आया! भेड़िया आया!"

मगर इस बार उसके कई बार चिल्लाने के बाद भी कोई किसान पहाड़ी पर उसे बचाने नहीं पहुंचा | सभी ने सोचा कि वह पहले की तरह मजाक कर के उन्हें परेशान कर रहा है | 

उसे नजरअंदाज कर सभी अपने खेतों में काम करते रहे और वहाँ भेड़िया पहाड़ी पर पहुँच गया और उसने कई भेड़ों को खत्म कर दिया |

मनोज भी भेड़िये के डर से एक ऊँचे से पेड़ पर बैठा रहा और अपनी भेड़ों को खोता देख रोता रहा | 

झूठ बोलने और ज्यादा मजाकिया स्वभाव का होने से लोग मनोज की बातों को नजरअंदाज करने लगते हैं और वो अपनी सारी भेड़ों को खो देता है |

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वह अब समझ गया था कि उसके झूठ बोलने की वजह से ही आज उसे यह दिन देखना पड़ा |

शिक्षा-हमें कभी भी दूसरों के भरोसे का फायदा नहीं उठाना चाहिए | 

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