Friday, June 9, 2023

ना घर का ना घाट का

कुछ वर्षों पहले एक गांव में एक किसान रहता था जो काफी मेहनती था |

अपनी मेहनत से उस ने काफी धन भी अर्जित कर लिया था लेकिन काम के प्रति जुझारू होने के कारण वह तेज धूप एवं मिटटी में काम करता था और अपने शरीर का सौंदर्य खो चुका था | 

वह बूढ़ा हो गया था ,उसका रंग भी काफी काला हो गया था और त्वचा भी काफी खुरखुरी हो गयी थी | 

वो खुद चाहें कैसे भी रहता हो लेकिन अपनी पत्नी के लिए कोई भी कमी नहीं होने देता था जिसके परिणाम स्वरुप उसकी पत्नी उसके मुक़ाबले काफी सुन्दर थी |

किसान खेतों में काम करता हुआ और उसकी पत्नी घर में सजते-संवरते हुए |

उन दोनों का कोई बालक नहीं था इसलिए वह किसान तो दिनभर खेत में काम करता और उसकी पत्नी पूरे दिन घर में ही सजती-संवरती रहती थी |

उसकी पत्नी को अपने पति की यह हालत अच्छी नहीं लगती थी, वह सोचती कि वह तो कितनी सुन्दर है और उसका पति कितना बदसूरत | यहाँ तक कि उसे अपने पति के बगल में चलना भी अच्छा नहीं लगता था |

उसे हमेशा लगता था कि उसकी शादी गलत आदमी से हो गयी है और वह अपने पति के हिसाब से काफी जवान और खूबसूरत है |

यह सोच-सोचकर वह हमेशा दुखी रहती और हमेशा नव प्रेम की चाह रखती थी |

एक दिन उस किसान का मित्र जो दूसरे गांव में रहता था वह उस से मिलने के लिए उस के घर आया |

वह काफी लंबा-चौड़ा व्यक्ति था और बहुत ही अच्छे किस्म के कपडे पहनता था एवं नवयुवक-सा प्रतीत होता था |

दरअसल वह एक ठग था और लोगों को जहरखुरानी का शिकार बनाकर उन से उन का सामान लूट लेता था लेकिन काफी समय के बाद मिलने के कारण वह किसान यह बात नहीं जानता था और ना ही उसकी पत्नी यह जानती थी |

उस ने अपने किसान मित्र की पत्नी की हरकतों और सजने-सँवारने की अदा के चलते उसका चरित्र पहचान लिया था और वह समझ गया था कि पत्नी अपने पति से खुश नहीं है |

अब वह कुछ बहाना बनाकर अपने मित्र किसान के घर पर ही रुक गया और उसने उसकी पत्नी को अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया |

जब भी उसे किसान की पत्नी से बात करने का मौका मिलता तो वह उसे अपने बेहतर जीवन के बारे में बताता और कहता कि उसके जीवन में सबकुछ है बस एक महिला कि कमी है | 

लम्बा-चौड़ा ठग किसान की पत्नी से बात करते हुए |


किसान की पत्नी भी सोचती कि यह कैसी प्रभु की माया है कि इस सुन्दर व्यक्ति को एक सुंदरी की चाहत है और मुझ जैसी सुंदरी यहाँ इस बूढ़े और बदसूरत किसान के पास फंसी हुई है |

एक दिन उस ठग ने किसान की पत्नी से कहा कि उसे वह बहुत सुन्दर है और उसे पसंद आने लगी है, वह उसके साथ अपना जीवन बिताना चाहता है |

किसान की पत्नी ने सोचा कि इस ने तो उस के मन की बात छीन ली और वह उस ठग के साथ चलने के लिए राजी हो गयी |

दोनों ने युक्ति बनाई कि रात के अँधेरे में जब उसका पति और सारा गांव सो रहा होगा तब वह भाग जायेंगे |

ठग ने किसान की पत्नी से यह भी कहा कि वह अपने साथ कपडे आदि ना ले नहीं तो उसके पति को शक हो जाएगा मगर किसान की पत्नी ने कहा कि उसको उसके कपडे और गहने काफी प्रिय हैं और वह उन को अपने साथ जरूर ले जायेगी |

अब जैसी ही रात हुई तो पत्नी ने एक छोटी सी पोटली में अपने सारे कपडे और गहने बाँध लिए और घर का सारा धन भी ले लिया और अपने पति के ठग मित्र के साथ भाग गयी |

अब जल्द ही वह उस गांव से निकल गए और चलते-चलते एक नदी के किनारे घाट पर पहुँचे |

ठग ने किसान की पत्नी से कहा कि उन्हें नदी को पार करके कहीं दूर चले जाना चाहिए ताकि कोई भी उनको ढूंढ ना सके और वह साथ में अपना जीवन आसानी से बिता सकें |

दोनों जब आगे बढ़े तो देखा कि नदी के किनारे पर एक नाव खड़ी हुई है लेकिन वह काफी छोटी है |

दरअसल उस ठग ने यह सब पहले से ही तय कर रखा था और उसी ने नदी के किनारे पर एक छोटी सी नाव रख दी थी जिस में केवल एक या बहुत हद तक दो व्यक्ति ही आ सकते थे |

अब उस ठग ने चालाकी दिखायी और कहा कि नाव में या तो वह दोनों आ सकते है या उनमें से कोई एक और उनका सामान तो किसान की पत्नी पहले उस नाव को चलाकर अपना सामान और नकदी एक सुरक्षित जगह पर रख आये और फिर वापस उसे लेने के लिए आ जाये | 

लेकिन किसान की पत्नी ना तो नाव चला सकती थी और ना ही उसे नदी के पार वाले गांव में कोई भी रास्ता पता था इसलिए उस ने उस ठग से खुद कहा कि वह यह सामान लेकर एक सुरक्षित जगह पर रख आये और बाद में आकर उसे भी अपने साथ ले जाए | 

अब क्या था, ठग नाव चलाकर नदी को पार करने लगा और धीरे-धीरे किसान की पत्नी की आँखों से ओझल होता गया लेकिन उस को ठग पर काफी विश्वास था जिस कारण वह उसका इंतजार करती रही |

अब कुछ-एक पहर बीत गए और सुबह होती जा रही थी लेकिन वह ठग वापस नहीं आया |

अब किसान की पत्नी समझ चुकी थी कि वह उसे ठग के चला गया है और उसका सारा जेवर और नकदी भी ले गया है |

सब कुछ लुट जाने के कारण वह रोने लगी कि तभी एक गीदड़ी उस नदी के किनारे पर एक मांस का टुकड़ा अपने मुँह में दबाये हुए किसान की पत्नी के पास से गुजरी |

सबकुछ खोने के बाद किसान की पत्नी अकेले में रोते हुए |

जब वह गीदड़ी जा रही थी तभी उस ने देखा कि नदी में एक मछली पानी की ऊपरी सतह पर तैर रही है |

फिर क्या था उसने तुरंत ही उस मछली पर झप्पटा मारा लेकिन वह मछली उस की पकड़ में नहीं आयी और तो और उस के मुँह से वह मांस का टुकड़ा भी नदी में ही गिर गया |

यह देख किसान की पत्नी ने मन ही मन सोचा कि यह गीदड़ी कितनी मूर्ख है, मांस का टुकड़ा होते हुए भी मछली पर नजर थी और अब तो यह मछली और मांस दोनों से ही हाथ खो बैठी है |

तभी एक असाधारण सी घटना घटित हुई और वह गीदड़ी बोलने लगी |

उस ने किसान की पत्नी से कहा कि तू भी तो बेवकूफ निकली, सब कुछ होते हुए भी अपने पति को छोड़कर इस ठग के साथ चली आयी और अब अपनी दौलत और नवप्रेम दोनों से ही हाथ खो बैठी |

"तू तो ना घर की रही ना घाट की"

यह सुन किसान की पत्नी स्तब्ध रह गयी |

शिक्षा- हमारे पास जो है हमें उसी में खुशी ढूंढनी चाहिए, ज्यादा लालच के कारण हमेशा दुःख ही मिलता है |

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