एक बार एक जंगल में एक सांप रहता था | उसकी रफ़्तार इतनी तेज थी कि वह पलक झपकते ही किसी भी जानवर को काट लेता था, यहाँ तक कि खरगोश जैसे तेज जानवर को भी वह मारकर खा जाता था |
वैसे तो सांप चूहे, छिपकली, मेंढक, चिड़िया आदि को ही खाता था लेकिन अब वह धीरे-धीरे बड़े जानवर जैसे कि खरगोश, गीदड़ आदि का भी शिकार करने लगा जिस के कारण सभी जानवरों में उसका खौफ बैठ गया |
एक बार सभी जानवरों ने मिलकर जंगल के राजा शेर से उस सांप की शिकायत की जिसके बाद राजा शेर ने सांप को अपनी सभा में बुलाया लेकिन सांप ने सभा में आने से इंकार कर दिया और राजा को उस के पास खुद आने के लिए कहा |
सांप के इस अंदाज को देखकर राजा शेर ने अपनी मंत्री लोमड़ी और अपने सैनिक सियारों को उस सांप को बंधी बना कर लाने के लिए भेजा लेकिन सांप ने उन सभी को काट लिया और खा गया |
जब शेर के पास यह खबर पहुंची तो वह समझ गया कि इस सांप से उलझना ठीक नहीं और उसने जंगल के जीवों को उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया |
शेर को नीचा दिखाने के बाद सांप अब और भी ज़्यादा गर्व महसूस करने लगा और उसने सभी जीवों से उसे ही राजा मानने के लिए कहा क्यूंकि उसे लगा कि अब वह ही सबसे ज़्यादा ताकतवर था |
अब क्या था, जब भी सांप को भूख लगती तब वह अपनी प्रजा में से किसी न किसी को खा कर अपनी भूख शांत करता था |
सांप ने जानवरों के बीच अपना इतना खौफ बना लिया था कि सभी दिन-रात उसकी जी-हुजूरी में लगे रहते थे |
एक दिन सांप जंगल में भ्र्मण पर निकला तो देखा कि चींटियों की एक टोली अनाज के दानों को इधर-से-उधर पहुंचा रही है और चींटियों का उसकी तरफ ध्यान भी नहीं है |
चींटियों के इस व्यवहार को सांप ने अपनी बेइज्जती समझा और सभी चींटियों के किले पर हमला कर दिया |
इस सब की खबर जब रानी चींटी तक पहुंची तो वह सांप के पास आयी और उस से इस सब उत्पात का कारण पूछा |
सांप ने रानी चींटी से कहा कि वह इस जंगल का सबसे ज़्यादा ताकतवर जीव है और चींटियों ने उसकी बेइज्जती की है | अब या तो चींटियां उस से मांफी माँगे नहीं तो वह उन सभी को तहस-नहस कर देगा |
ऐसा कहते हुए सांप रानी चींटी की तरफ बढ़ा लेकिन उस से पहले ही बाकी चींटियां उसकी पूँछ पर चढ़ गयीं और उस पर हमला कर दिया |
धीरे-धीरे चींटियों की संख्या बढ़ती गयी और वह कई हजारों में हो गयीं व उन्होंने सांप की ऊपरी खाल को खाना शुरू कर दिया जिस से सांप छटपटाता रहा लेकिन चींटिंयों की इतनी संख्या के कारण कुछ कर ना सका |
अब सांप ने तेजी से इधर-उधर भागना शुरू कर दिया लेकिन चींटियां उसी पर चिपकी रहीं और उसकी ऊपर की सारी खाल नोच दी |
घायल सांप अब भागते-भागते थक गया और सारी चींटियों ने धीरे-धीरे उसे खोखला कर दिया |
यह सब देख जंगल के सभी जानवर काफी खुश हुए और उन्होंने उन सभी सांप से छुटकारा दिलवाने के लिए चींटियों को धन्यवाद भी दिया |
शिक्षा- हमें किसी भी प्राणी को छोटा या कमजोर नहीं समझना चाहिए |
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