Thursday, December 28, 2023

सांप और चीटियों की कहानी

एक बार एक जंगल में एक सांप रहता था | उसकी रफ़्तार इतनी तेज थी कि वह पलक झपकते ही किसी भी जानवर को काट लेता था, यहाँ तक कि खरगोश जैसे तेज जानवर को भी वह मारकर खा जाता था |

वैसे तो सांप चूहे, छिपकली, मेंढक, चिड़िया आदि को ही खाता था लेकिन अब वह धीरे-धीरे बड़े जानवर जैसे कि खरगोश, गीदड़ आदि का भी शिकार करने लगा जिस के कारण सभी जानवरों में उसका खौफ बैठ गया |

कैसे चीटियों ने मिल कर एक सांप पर चढ़ाई कर दी और उसका घमंड तोड़ दिया |

Friday, December 22, 2023

राजा और उसके घोड़े की कहानी

बहुत वर्ष पहले की बात है, भारतवर्ष भूमि पर बादामपुर नाम का एक गांव हुआ करता था |

बादामपुर के राजा काफी वीर और शक्तिशाली थे और उनके पास पूरे विश्व में सबसे बेहतरीन घोड़ों की सेना भी थी |

इसी सेना में राजा का सबसे वफादार और युद्ध कौशल में निपुण एक घोडा था - भूरी |

राजा ने घोड़े को युद्ध में ले जाना बंद कर दिया |

भूरी हर युद्ध में राजा का साथ देता और राजा को जीत भी दिलाता था, और तो और युद्ध लड़ते समय भूरी को कई बार तीर भी लगे लेकिन फिर भी वह पूरे साहस के साथ युद्धभूमि में लड़ता रहता |

Tuesday, November 21, 2023

बैल और चूहे की कहानी - हर जगह ताकत से काम नहीं चलता

एक बार की बात है एक गांव में एक खँडहर मकान था जिस में एक चूहा आराम से एक बिल में रहता था |

चूहा रोज आसपास के घरों में से जाकर थोड़ा-थोड़ा कर के अपना पेट भरता फिर शाम को वापस अपने बिल में लौट आता |

चूंकि उसका जीवन आसानी से कट रहा था सो उसे जितना मिलता वह उतने में ही खुश रहता |

एक दिन इसी मकान को एक किसान ने अच्छे दामों में खरीद लिया और अपना बैल इसी मकान में बाँधने लगा |

बैल चूहे की बिल की दीवार पर हमला करता हुआ !

Monday, November 20, 2023

बड़ों का मार्गदर्शन जरुरी है - डुग्गु बंदर की कहानी

एक बार की बात है एक जंगल में बंदरों की एक टोली रहा करती थी | 

इसी टोली में एक डुग्गु नाम का चालाक बन्दर रहता था | डुग्गु काफी जिज्ञासु बन्दर था और नए-नए प्रयोग करना उसकी आदत थी |

अपनी इसी जिज्ञासा के चलते डुग्गु अन्य बंदरों की अपेक्षागत बहुत ही तेज-तर्रार था और तरह-तरह से कलमंडी खा कर पेड़ों पर करतब भी दिखाया करता  था | 

पेड़ और डाली पर झूलता हुआ डुग्गु बन्दर

अपनी काबिलियत के चलते डुग्गु बंदर किसी और को अपने सामने गिनता तक नहीं था और अपनी ही मर्जी से सभी काम करता था, उसे जिस भी काम को करने के लिए मना किया जाता उसे तो वह जरूर ही करता था |